महामारी में भाव खा रहे मसाले, काढ़े की खपत से कीमतों में उछाल
कोरोनकाल में देश ही नहीं दुनियाभर के लोग इम्युनिटी बढ़ाने में जुटे हैं और इसका सबसे सही तरीका है औषधीय गुणों वाले मसालों का काढ़ा.
घरेलू कंजंप्शन के अलावा विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ने से मसालों की एक्सपोर्ट्स वॉल्यूम में 34% उछाल आया है. (Pixabay)
घरेलू कंजंप्शन के अलावा विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ने से मसालों की एक्सपोर्ट्स वॉल्यूम में 34% उछाल आया है. (Pixabay)
कोरोनकाल में देश ही नहीं दुनियाभर के लोग इम्युनिटी बढ़ाने में जुटे हैं और इसका सबसे सही तरीका है औषधीय गुणों वाले मसालों का काढ़ा. इन्हीं कारणों के चलते औषधीय गुणों वाले भारतीय मसालों की मांग अचानक बढ़ी है. इनके कारण हल्दी सोंठ कालीमिर्च जैसे मसालों की कीमतों में एकाएक 30 से 35 फीसदी और एक्सपोर्ट में करीब 34% तक कि बढ़ोतरी देखने को मिली है.
30% तक बढ़ी कीमतें
स्पाइसेस बोर्ड ऑफ इंडिया के आकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में अप्रैल-जून महीने में विदेशों में कुल 2 हजार करोड़ भारतीय मसालों का निर्यात किया गया था, जो साल 2020 में 2 हजार 700 करोड़ तक पहुंच गया है. घरेलू कंजंप्शन के अलावा विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ने से मसालों की एक्सपोर्ट्स वॉल्यूम में 34% उछाल आया है. पिछले 1 महीनों में अदरक, जीरा, सूखा धनिया, हल्दी, काली मिर्च, तेजपत्ता, करी पत्ता, लहसुन, अजवाइन, दालचीनी, सोंठ और लौंग की ट्रेडिंग प्राइस में 20 से 30% की बढ़त देखने को मिली.
कितने बढे मसालों के दाम
मसाले (1 किलो) | मार्च'19 | अक्टूबर'20 |
जीरा | ₹140 | ₹240 |
कालीमिर्च | ₹450 | ₹600 |
बड़ी इलायची | ₹1400 | ₹2000 |
दालचीनी | ₹900 | ₹1100 |
तेजपत्ता | ₹750 | ₹800 |
हल्दी | ₹230 | ₹280 |
सोंठ | ₹600 | ₹800 |
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पिछले 1 महीने में कितने फीसदी बढ़ी कीमतें
मसाले | कीमतों में उछाल |
हल्दी | 5% से 10% |
कालीमिर्च | 8% से 10% |
सोंठ | 20% से 25% |
लौंग | 30% से 35% |
दुनियाभर में भारत से हल्दी की मांग बढ़ी
कोरोना वायरस से बचने के लिए इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर हल्दी की मांग बढ़ गई है. घरेलू बाजार ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर हल्दी का सेवन बढ़ा है. भारत से हल्दी आयात करने के लिए अमेरिका, यूरोप, मीडिल ईस्ट तक के कारोबारी कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रहे हैं.
इम्युनिटी बूस्टर की डिमांड
घरेलू स्तर पर हल्दी की मांग बढ़ने के बाद अब इसकी निर्यात की मांग भी बढ़ गई है. दुनियाभर में कोरोना वायरस महमारी की वजह से इम्युनिटी बूस्ट करने की सलाह दी जा रही है. यही कारण है कि हल्दी को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. भारत में हल्दी निर्यात के लिए मीडिल ईस्ट, अमेरिका, यूरोप और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों से हल्दी की मांग बढ़ी है.
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सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक देश है भारत
वित्त वर्ष 2019-20 में कुल 9,38,955 टन हल्दी का उत्पादन हुआ.
दिसंबर 2019 तक 1,01,500 टन का निर्यात हुआ था.
पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा हल्दी का उत्पादन भारत में ही होता है, जोकि कुल वैश्विक उत्पादन का 70 से 75 फीसदी है. वित्त वर्ष 2020-21 तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 15 फीसदी तक हो सकता है. आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइंस में भी हल्दी के सेवन को बढ़ाने की बात कही गई है. इसके बाद घरेलू बाजार में भी हल्दी की मांग बढ़ी है.
11:39 AM IST